Side Effects of Smartphone – अगर आप अपने स्मार्टफोन को बिस्तर के बगल में रखकर सोते है, नींद खुलने के बाद जागते ही अपने ईमेल, फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम चेक करते है।
बहुत देर तक लैपटॉप या किसी स्क्रीन न दिखे तो आप तनावग्रस्त , निराश तथा बेचैन होने लगते है। फोन से दूर हटने ही बैचेनी कि शिकायत है तो आपको नोमोफोबिया नामक रोग हो चूका है।
पहले यह इंटरनेट एडिस्शन डिसऑडर के तोर पर एक असामान्य व्यवहार समझा जाता था। अब यह एक बीमारी कि शक्ल ले चूका है। इससे खासतोर पर युवा वर्ग चपेट में है। यह आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकती है।
ज्यादा स्मार्टफोन use करने के क्या नुकसान है ? – Side Effects of Smartphone
नींद ना आना
स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल आपके लिए अनिद्रा की समस्या को पैदा होती है। खास तौर पर रात को ज्यादा समय तक स्मार्टफोन का प्रयोग नींद नहीं आने की समस्या को पैदा करता है।
भूलने की बीमारी
आज बड़े से लेकर बच्चे तक कोई भी अपने आप को कभी फ्री नहीं रखता, सभी खाली समय में मोबाइल का use करते है। जिससे कई जरुरी काम और स्किल वह भूलते जाते है जो उन्हें याद रखने चाहिए ।
दिमागी परेशानिया – cell tower radiation health effects
स्मार्ट फोन में उपलब्ध सामग्री भी हमारे दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। जिससे तनाव, उदासीनता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं सामने आने लगती है।
थकान और चिड़चिड़ापन – Side Effects of Smartphone
कई बार देर रात तक फोन का इस्तेमाल करने से नींद काफी प्रभावित हो जाती है, जिससे जितनी जरूरत होती है नींद की वो पूरी नहीं हो पाती। और अगर नींद पूरी नहीं होगी, तो जाहिर सी बात है कि दिमाग को आराम नहीं मिल पाएगा।और यह वजह बनता है चिड़चिड़ापन और थकान का।
आंखों के नुकसान
स्मार्टफोन की रंगीन और अधिक रोशनी वाले स्क्रीन व तकनीकें हमारी आंखों की रौशनी पर काफी बुरा प्रभाव छोड़ती है।
सिरदर्द की समस्या – side effects of mobile tower
स्मार्टफोन से निकलने वाली हानिकारक किरणें सिरदर्द और अन्य दूसरे प्रकार की दिमागी तकलीफों के लिए बेहद जिम्मेदार साबित होती है।
लत लगना
स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले लोग इसके आदी हो जाते हैं। जो बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है।
ऐसे में लोग बिना फोन के बेचैनी महसूस करते हैं। यहां तक कि उन्हें कोई अनजाना भय और घबराहट भी महसूस होता है जो कि एक गंभीर समस्या है।
भ्रम पैदा होना
कई बार फोन बंद या साइलेंट पर होने के बावजूद लोगों को ये एहसास होता है कि उनका फोन बज रहा है। इसे एक तरह का फोबिया कहा जा सकता है।
मोबाइल पर निर्भरता
आप में से कई लोगो को अपने घर के सदस्यों के मोबाइल नंबर नहीं पता होंगे, छोटी बड़ी गणना के लिए मोबाइल का use करते है, कोई प्रॉब्लम आये तो google कर दिया इससे मोबाइल पर निर्भरता बढती है। और हम हमारे दिमाग का use नहीं कर पाते।
स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चो में क्या नुकसान होते है?
Cell Phone Effects on Child Development
इन दिनों कई बच्चों में वजन घटने, मोटापा बढ़ने, कुपोषण जैसी सामान्य सी लगने वाली समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
स्क्रीन अडिक्शन से भूख समझ नहीं आती
आमतौर पर जब बच्चे खाना नहीं खाते हैं, तो उन्हें मोबाइल दिखाकर ही खाना खिलाया जाता है। लेकिन बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि इस ‘स्क्रीन अडिक्शन’ की वजह से बच्चों में भूख लगने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है।
विकास करने वाले हॉर्मोन्स पर प्रभाव
इंसानी विकास के ज्यादातर हॉर्मोन्स रात को ज्यादा ऐक्टिव रहते हैं। लेकिन जब बच्चा कम सोएगा रात में, तो उसका पूरी तरह विकास नहीं हो पाएगा। कम सोने की वजह से भी उनमें चिड़चिड़ाहट आ जाती है।’
विकसित नहीं हो पातीं पांचों इंद्रियां
बच्चों को अब काफी छोटी उम्र से ही इलैक्ट्रॉनिक गैजेट्स और डिजिटल मीडिया से रूबरू करवा दिया जाता है।
जिंदगी के पहले पांच साल पांचों इंद्रियों को विकसित करने की जरूरत होती है जिसमें देखना, सुनना, महसूस करना, सूंघना और स्वाद लेना शामिल है।
लेकिन इलैक्ट्रॉनिक गैजेट्स और मोबाइल बच्चों की देखने और सुनने वाली इंद्रियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
सोने के वक्त में कमी होना और चिड़चिड़ापन, फोकस करने में दिक्कत आती है, स्कूल परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है और अटेंशन डेफिसिट की समस्या पैदा होती है।
बच्चे पूरी तरह सामाजिक नहीं हो पाते
डिजिटल मीडिया की वजह से बच्चे पूरी तरह सामाजिक नहीं हो पाते और इस वजह से उनमें बचपन में बोलने की प्रक्रिया भी देर से शुरू होती है। इन बच्चों को बड़े होने के बाद कम्यूनिकेशन स्किल्स से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कितनी देर बच्चों को दें मोबाइल?
पांच साल से छोटे बच्चों को एक घंटे ही मोबाइल देना चाहिए। अगर बच्चे पांच साल से बड़े हैं, तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा दो घंटे फोन देना चाहिए। गैजेट्स ज्यादा इस्तेमाल करने वाले बच्चों को काउंसलिंग और सामान्य लाइफ की ओर लाने की कोशिश करनी चाहिए।
स्मार्टफोन के नुकसान उपाय क्या है ?
ईमेल देखने का समय तय करे – Side Effects of Smartphone
ब्रिटेन में हुए एक शोध के मुताबित ईमेल के ज्यादा इस्तेमाल से तनाव, उच्च रक्तचाप, थायरोइड और दिल के दौरे जैसी समस्याओ के बीच सीधा संबंध होता है। बेवजह के ईमेल कम करे और बार-बार ईमेल चेक करने कि आदत को बदले।
दिन का एक निशिचत समय ईमेल देखने के लिए तय कर ले। आजकल स्मार्टफोन ने लोगो को 24 घंटे ईमेल से जुड़े रहने कि सुविधा दे दी है और यह तनाव को बढ़ाने का कारण बन रहा है।
अगर लोग लगातार अपने ईमेल से चिपके न रहे तो वह ज्यादा शांत रह सकते है और उनकी प्रजनन शमता ज्यादा बेहतर हो सकती है।
Whatsapp का करे कम इस्तेमाल –
आज कल के युवा शारीरिक गतिविधियों को छोड़ इन मल्टीमीडिया फोन से ही अपने दिन की शुरुआत करते है। और रात भर जाग कर अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे है।
आज का सोशल मीडिया समाज को नुकसान पंहुचा रहा है। आज अगर दो व्यक्ति पास में बैठे है फिर भी वह एक दुसरे से बात करने के बजाय मोबाइल में ही रहते है, यही हकीक़त है। हर चीज़ की अति ख़राब होती है।
सोशल मिडिया भले ही आज के समय कि जरूरत है यह लगातार व्यस्तता और बीमारियाँ पैदा कर रहा है। शोध में पाया गया कि हद से ज्यादा व्हाटसएप का इस्तेमाल करने वाले लोगो का स्ट्रेस लेवल बढ़ रहा है।
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मोबाइल का इस्तेमाल सही तरह से करे –
शोधकर्ताओ का कहना है कि मोबाइल फोन के अधिक प्रयोग से बच्चो में कंधे और रीढ़ से जुड़ी समस्याए शुरू हो जाती है।
मोबाइल फोन पर लगातार गर्दन झुकाने रहने से रीढ़ कि हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसी तरह कंधो का सहारा लेकर बात करने से कान और कंधे कि नसों में अत्यधिक खिचाव उन्हें नुकसान पहुचा सकता है।
यह समस्या कई बार इतनी गंभीर हो जाती है कि इससे छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन करना पड़ता है इससे कुछ हार्मोन्स दुष्प्रभाव भी होने कि आंशका रहती है।
कम से कम करे चैटिंग
इन दिनों कार्पल टनल सिंड्रोम कि शिकायते बढ़ती जा रही है। डॉक्टर्स के अनुसार यह बीमारी 30 से 40 कि उम्र के लोगो में सबसे ज्यादा देखी जा रही है।
इस बीमारी में शुरू में में हाथो में झुनझुनाहट और सुन्न होने लगते है तथा गंभीर स्थिति में हाथो कि सुजन आने लगती है।
मोबाइल फोन का जरूरत से ज्यादा इतेमाल इसकी वजह है इस समस्या को दूर करने के लिए आपको मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल करना होगा।
सोशल मिडिया से ज्यादा न चिपके
आज लगभग हर दूसरा व्यक्ति पूरा दिन स्मार्टफोन पर बिताता है। इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर आप सात या उससे ज्यादा घंटे अपने मोबाइल या टैबलेट पर बिताते है तो अलर्ट हो जाए क्योकि इसके परिणाम गंभीर हो सकते है।
एक रिसर्च से पता चला है कि स्मार्टफोन से घंटो चिपके रहने कि आदत लोगो को बीमार बना रही है। सोशल मिडिया साइट्स जिनके उपयोग से अपर्याप्तता कि भावना बढ़ती है।
कैसे करें बच्चों को मोबाइल से दूर
- मोबाइल और टीवी देखने का समय तय करें और सख्ती से लागू करें।
- खाते हुए और सोने से पहले बच्चों को मोबाइल फोन कतई न दें। इस समय बच्चों से बातचीत करें।
- बच्चों के लिए जो नियम तय करें, उन्हें खुद भी फॉलो करें।
- स्टोरी टेलिंग, बोर्ड गेम्स, आउटडोर एक्टिविटी जैसे अन्य कामों में बच्चों को व्यस्त करें।
- बच्चों को मनाने, खाना खिलाने या कोई लालच देने के लिए कभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।
Conclusion – Side Effects of Smartphone
स्मार्टफोन का यूज दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है रोज नए ऐसे गेम्स और एप्स आ रही है जिससे लोग और भी उससे जुड़ रहे हैं ऐसे में हमें समझना होगा कि किस ऐप पर हमें कितना समय देना चाहिए ।
क्या हमारा समय PUBG और TikTok जैसी फालतू ऐप में गवाना चाहिए या फिर अपनी स्किल को बेहतर कर आगे बढ़ना चाहिए? आप खुद सोच सकते हैं।
- कौनसी आदतें हैं जिससे आप अपना जीवन बर्बाद कर रहे हो?
- ऐसे कौन से काम है जो युवाओं को कभी नहीं करने चाहिए ?
Motivational Shayari – जिन्दगी एक खेल है
जिन्दगी एक खेल है, यह आप पर निर्भर है कि आप खिलाड़ी बनना चाहते है या खिलौना।
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