ऑफिस में कई तरह कि असुरक्षाए होती है, जिससे आप हमेशा डर महसूस करते है। जल्द ही इसका इलाज नहीं होता तो व्यक्ति चिडचिडा हो जाता है और जॉब को लेकर भयभीत रहने लगता है। आपको इनका सामना चतुराई से करना चाहिए। आपको असुरक्षा को इग्नोर नही करना चाहिए बल्कि इसे समझने कि कोशिश करनी चाहिए।
आप जो है, और जो बनना चाहते है इसके बीच में असुरक्षा का भाव पैदा होता है। यह असुरक्षा आपके दिमाग में बैठी रहती है। आप जो भी काम करते है यह उसकी आलोचना करती है। और बार-बार माहौल से आपकी तुलना करती है। ये कुछ टिप्स जो आपको असुरक्षा के चक्र से बाहर निकलकर अपना बेस्ट आउटपुट देने के लिए प्रेरित कर सकते है।
1. ऑब्जेक्टिव्स पर ध्यान दे –
अपनी असुरक्षा कि भावना को स्वीकार करने के बाद इसका मुकाबला करने के तरीको के बारे में विचार करे। ज्यादा विस्तार में जाने के बजाय मूल कारण पता करे। क्या इस बात का डर है की अगर इस तिमाही के टारगेट्स पुरे नही कर पाए तो नोकरी से निकल दिया जाओगे ? क्या इसका अर्थ यह है कि आपके अनुभव व शिक्षा के आधार पर आपको कभी भी दूसरी नोकरी नही मिलेगी? आपको जल्द ही अहसास होगा कि आपकी असुरक्षा अस्थायी नजरिये से प्रेरित है न कि वास्तविता से। क्या आपको इस बात से खुशी मिलती है कि आपके ऊपर किसी का नियंत्रण न हो? पता करे कि क्या आप खुद को पूरी तरह से संभालने के काबिल है भी या नही? आपकी कमियों कि दूर करे।
2. स्वीकार करे –
असुरक्षित महसूस करने के लिए खुद को इजाजत दे। दिमाग में एक आलोचक बैठा रहता है जो नेगेटिव परिणामों से बचाने के लिए बात करना रहता है। याद रखे कि हर व्यक्ति असुरक्षा महसूस करता है। आप जिन लोगो को खुद से बेहतर या मजबूत मानते है उनकी भी खुद कि असुरक्षाए होती है।
3. समय दे –
इस बात को जाने कि आप फेल होने जा रहे है। समझे कि नई स्किल्स सिखने में वक्त लगता है और इसमे मेहनत भी लगती है। जब आप फेल होते है तो वापस खड़ा और सफल होने में समय लगता है। जब भी खुद को असुरक्षित महसूस करे तो यह जान ले कि यह एक दिन में नही होगा। लगातार काम करते हुए डर को काबू में रखना होगा। खुद को समय देगे तो हार नही मानेगे और असुरक्षा का मुकाबला कर पाएगे।
4. बाहर फोकस करे –
एक टेनिस प्लेयर अपने शुरुआती जीवन में ही सिख जाता है कि उसे सिर्फ बोल पर फोकस करना है न यह देखना है कि उसका शरीर किस तरह से मूव कर रहा है। इसी तरह अपनी आँखे काम पर टिकाए न कि अपनी भावनाओ पर। ऐसा उद्देश्य खोजे जो आपसे और आपके वर्क टारगेट से बड़ा हो। आप और आपकी फर्म जो सर्विस उपलब्ध करवाते है उससे किसे फायदा पहुचता है। आपके काम से उनकी जिन्दगी में किस तरह का बदलाव आता है? उस उद्देश्य को समझे। आपकी भावनाओ में बदलाव जरूर आएगा।
5. ईमानदारी बरते –
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए इंसान का इमानदार होना बहुत जरुरी है। ईमानदार रहने पर आपको दिमाग पर किसी तरह का बोझ नही रखना पड़ता है। ईमानदार व्यक्ति कोंफीडेंस के साथ अपने काम पुरे कर सकता है। ईमानदारी एक जीवनशैली है इसे अपनाने के लिए भी लगातार अभ्यास कि जरूरत पड़ती है।
6. पॉजिटिव रहे –
जब आप सोचते हे कि कुछ गलत होने वाला है, तो वह घटित हो कर रहता है। इसी तरह आप कुछ अच्छा सोचते है तो कुछ न कुछ अच्छा जरुर होता है। इसी लिए अपने विचारो को बेहतर बनाने कि कोशिश करे ताकि सब कुछ अच्छा होता रहे।