Prithvi ka Janam Kaise Hua – हम कौन हैं? कहा से आये है? यह जमीन, आसमान, यह पानी, झरने, पहाड़ यह सब किसने बनाये है? हम सही में है या सिर्फ हमारा भ्रम है? यह सब कैसे बना? यह सब सवाल हर इन्सान के मन में सदियों से चल रहे है।
Prithvi ka Janam Kaise Hua
आज जब हम इतने सक्षम है कि हमारे भविष्य का निर्माण खुद कर सकते है तो हमें हमारा इतिहास भी जान लेना चाहिए। इस पोस्ट में हम ब्रह्मांड के जन्म से लेकर इंसानों की उत्पत्ति और भविष्य तक की सारी संभावनाओं की चर्चा करेंगे।
हमारे ब्रह्मांड का जन्म कैसे हुआ?
हमको जो आज जीवन मिला है वह हमारे ब्रह्मांड की देन है। आकाश में जितने भी ग्रह और तारे हैं वह सभी हमारे ब्रह्मांड का हिस्सा है। हमारे ब्रह्मांड का नाम Milky Way है जो करोड़ों सालों से अस्तित्व में है। यहाँ हर दिन नए तारे बनते है और पुराने ख़त्म हो रहे है। हमारा ब्रह्मांड भी एक दिन खत्म हो जाएगा जिसमें सूर्य और पृथ्वी भी आते हैं।
हमारा ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इसका कोई अंत नहीं है। इसका जन्म लगभग 13.8 अरब साल पहले एक छोटे से बिंदु से हुआ। जो एक ऊर्जा का स्त्रोत था। किसी कारण से इस में विस्फोट हो गया और इसकी उर्जा ब्रह्मांड में चारों ओर फैल गई। आप और हम सब इसी उर्जा से बने हैं।इस विस्फोट से हाइड्रोजन, हीलियम जैसी गैसो का जन्म हुआ और इससे परमाणु बने। यह परमाणु आपस में टकरा गए जिससे प्रकाश रूपी तारो का निर्माण हुआ।
पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ? Prithvi ka Janam Kaise Hua
कुछ सालों बाद तारों में विस्फोट हुआ। जिससे हमारे सूरज का जन्म हुआ और बहुत सारे टुकडे सूरज के चारों ओर चक्कर लगाने लगे। यह टुकडे आपस में जुड़ गए जिससे हमारी पृथ्वी और अन्य बहुत सारे ग्रहों का निर्माण हुआ।
शुरुआत के दिनों में पृथ्वी काफी गर्म हुआ करती थी जिसमें पिघला लावा था। यह लावा पृथ्वी के सेंटर पॉइंट पर जाकर जमा होने लगा और हल्की चीजें जैसे मिट्टी पत्थर आदि सब ऊपर सतह पर जमने लगे। इससे पृथ्वी पर मैग्नेटिक फील्ड का निर्माण हुआ और गुरुत्वाकर्षण भी पैदा हुआ। इस समय पृथ्वी बहुत तेज घूम रही थी। इसका एक दिन लगभग 6 घंटे का होता था।
चांद का जन्म कैसे हुआ? chand ka janm kese hua
सूर्य के चारों ओर बहुत से उल्कापिंड और ग्रह चक्कर लगाने लगे। तब एक उल्कापिंड आकर पृथ्वी की सतह से टकरा गया। जिसका आधा हिस्सा पृथ्वी के अन्दर समा गया और आधा हिस्सा आकाश में पृथ्वी की कक्षा में चला गया और उसके चारों ओर चक्कर लगाने लगा। इसी को ही हम चांद कहते हैं।
धीरे-धीरे पृथ्वी और चांद के आकार में बदलाव हुआ और यह गोल होने लगे। चांद के टकराने के बाद पृथ्वी के आकार में बढ़ोतरी हुई। चाँद पृथ्वी के चारों ओर घूमने लगा जिससे पृथ्वी की घूमने की गति में ठहराव आया।इसका परिणाम यह हुआ कि 1 दिन 24 घंटे का होने लगा।
पृथ्वी पर पानी कैसे आया ?
चांद के टकराने के बाद मौसम का जन्म हुआ? पृथ्वी से उठने वाली वाष्प वायुमंडल में जमने लगी। जिससे कई लाख सालों तक पृथ्वी पर बारिश हुईऔर महासागर बने। कुछ चीजें जो हल्की थी वह पानी के बाहर आ गई जिससे महाद्वीप बने। शुरुआत में सभी महाद्वीप आपस में जुड़े हुए थे बाद में भौगोलिक बदलाव के कारण इन में बदलाव आते गए।
इंसान का जन्म कैसे हुआ ? insan ka janam kaise hua
लोग कहते हैं कि हम बंदर के वंशज है। पर क्या आप को यह पता है कि हमारी पृथ्वी पर बंदर कहां से आए? सबसे पहले समुंद्र में एक DNA वाले सुश्म जीव पैदा हुए। उसके बाद समुंद्र में ही इन जीवन से मछलियों का जन्म हुआ। कुछ जीव सालों बाद समुंद्र से निकलकर जमीन पर रहने लगे। जैसे डायनोसोर आदि।
इन्हीं मैं बदलाव हुआ और बहुत सारे जीव जैसे बंदरों की प्रजातियां पैदा हुई। उसमें से एक प्रजाति बहुत ही बुद्धिमान थी जो दो पैरों पर चलती थी इसी कारण उनके हाथ खाली रहते थे। जिनका उपयोग यह कुछ नई चीजें, हथियार वगैरा बनाने में किया करते थे। यही जीव आगे बनकर मनुष्य बने जिसे आज इंसान कहा जाता है।
Conclusion
कितनी अजीब सी बात है कि हम इंसान, कुछ समय से ही इस पृथ्वी पर आए हैं और इस पर अपना अधिकार जमाना शुरु कर दिया। पर हमें यह नहीं पता कि हम हमें प्रकृति ने जन्म दिया है और अगर हम प्रकृति के नियमों को तोड़ेगे तो यह इसकी सजा हमें जरुर देगी।
प्रकृति जब चाहे तब हमारा अस्तित्व खत्म कर सकती है जैसे उन्होंने डायनासोरों का किया। यह जानकारी इन्टरनेट पर उपलब्ध बहुत से Source से ली गई है।