कैसे और क्यों होती है बारिश ? Environment Related Topics

Environment Related Topics – हमने ऐसे अनोखे ग्रह की खोज की है जहां तरह-तरह के मौसम, अनजाने नजारे और हमेशा कुछ न कुछ अजीब घटता रहता है। यह ब्रम्हांड का सबसे अद्भुत गृह है और यह है हमारी पृथ्वी। हमने इसके रहस्य को समझना अभी शुरू ही किया है। इन रहस्यों में एक रहस्य है पानी का बरसना या बरसात का होना।

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पृथ्वी का इतिहास क्या है ? History of Earth

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों के मुताबिक पानी हमारी पृथ्वी पर अरबों सालों से मौजूद है।हम वहीं पानी पी रहे हैं जो पहले डायनासोर और हमारे पूर्वजों ने पिया था, पानी कभी खत्म नहीं हुआ। यह  Recycle होता रहता है।

आसमान से हमारी पृथ्वी नीली और हरी दिखाई देती है। इसका कारण है विशाल समुद्र और भू-भाग। पृथ्वी पर लगभग 71% भाग पर जल (earth water level) है जिसमें 96.5% समुंदर में है और बाकी बचा जल पृथ्वी के भू भाग पर मौजूद है। कितनी विचित्र बात है कि हमारे शरीर और पृथ्वी  में पानी की मात्रा लगभग एक जैसी ही है क्योंकि हम पृथ्वी की संतान हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा शरीर 65% हिस्से में पानी की मात्रा है। अब तक आप यह समझ चुके होंगे कि पानी का हमारे लिए क्या महत्व है। पर एक सवाल यह है जिसने हमें सोचने पर मजबूर किया है –

 1. आखिर बरसात होती कैसे है? Barish Kaise Hoti Hai

बारिश देखने में आसान लगती है पर बहुत कम लोग जानते हैं कि यह होती कैसे हैं। हमारे सांस लेने से लेकर नदियों और समुद्र से निकलने वाली भाप जब आसमान में जाती है तो बादल बनकर बरसती है।

पानी के कण सूर्य की गर्मी से दूर दूर हो जाते हैं। यह इतने हल्के हो जाते हैं कि आसमान में उड़ जाते हैं।आसमान में जैसे-जैसे तापमान कम होता है यह वापस तरल होकर बर्फ में बदल जाते हैं।


2. आसमान में यह बर्फ (Ice) कैसे बनता हैं? – Environment Related Topics

पानी कभी भी यूं ही बर्फ नहीं बनता है, इसे बनने के लिए भी सुश्म कणों की आवश्यकता होती है। जिसमें चिपक कर यह बर्फ बन सके। अंतरिक्ष से हर दिन करोडो सुश्म कण पृथ्वी पर आते हैं और पृथ्वी से भी बहुत से जीव और धुल के कण आसमान में जाते हैं जिन पर पानी की बूंदे इकट्ठे होकर बर्फ जमाती है। 

यह बर्फ जब एक दुसरे से जुड़ कर भारी हो जाती है तो नीचे गिरती है। जैसे जैसे बर्फ धरती के नजदीक आती है तापमान बढ़ने से पानी में बदल जाती है और बरसात होती है।

भाप आसमान में औसत 10 दिन तक रहती हैं जो हजारों किलोमीटर की यात्रा करने के बाद बरस जाती हैं ।बादल हमेशा आसमान पर मौजूद रहते हैं, यह अपने साथ करोडो लीटर पानी रखते हैं। अगर यह सारा पानी पृथ्वी पर एक साथ गिर जाए तो लगभग सभी भू-भाग में पानी से ढक जाएगा।

3. मछलियों की बरसात कैसे होती है?

आपने सुना होगा कि कई जगह बरसात के साथ मछलियां, मेंढक, कछुए भी गिरते हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है पर वैज्ञानिकों ने उनके पीछे जब जाच की तो एक रोचक तथ्य सामने आया – वह था समुद्र में चलने वाला बवंडर। 

ये इतने से तेज होते हैं कि इनमें पानी के साथ साथ मछलिया, मेडक और दुसरे जीव भी आसमान में बादलों के साथ उड़ जाते हैं। तेज हवाए इन्हें हजारो किलोमीटर दूर तक ले जा सकती है। जैसे ही तूफान कम होता है सभी जीव जमींन पर गिरने लगते है और इसे ही मछलियों की बरसात होना करते है।

Conclusion – Environment Related Topics

करोड़ों सालों से पानी रिसाइकल हो रहा है और जब तक समुंद्र है, यह होता रहेगा। पर बढ़ती जनसंख्या और प्रदूषण ने बारिश को प्रभावित किया है जिससे सूखा और बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हुए हैं। हमें प्रदूषण को रोक कर इसे ठीक करना चाहिए।

Viren Raikwal
Viren Raikwal

असली बहादुरी तो तब है, जब आप वह करे जो सही है, भले ही वह ज्यादा लोकप्रिय ना हो....

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