एक शेरनी और उसका बच्चा, भूखे प्यासे जंगल में भटक रहे थे। पर उन्हें अभी तक कोई शिकार नहीं मिला था। अचानक शेरनी देखती है कि एक भेड़ का ग्रुप उसकी और बड़ा चला आ रहा है। शेरनी शिकार करने के लिए उस ग्रुप के अंदर घुस जाती है और जैसे तैसे एक भेड़ को घसीट कर ले जाती है।
Sher ki Kahani – अपने अंदर के शेर को जगाए – हिंदी कहानी
इस अफरातफरी में शेरनी का बच्चा उन्हीं भेड़ो के साथ छूट जाता है और कहीं गुम हो जाता है। भेड़ भी उन्हें अपना लेती है और अपने साथ रख लेती है। जैसे-जैसे वह शेर का बच्चा बड़ा होता है वह अपने आप को भेड़ समझने लग जाता है
एक दिन दूसरा शेर उसे देखता है और सोचता है कि यह शेर इतना बड़ा होकर भेड़ों के पीछे क्यों चल रहा है। यही सोचकर वह उसके पीछे भागता है उसे देख वह शेर जो भेड़ो के पास होता है वह भी भागने लगता है।
दूसरा शेर उसका पीछा करते हुए जैसे तैसे उसे पकड़ लेता है। इससे पहला शेर घबरा जाता है और बोलता है – “मुझे मत मारो, मैंने कुछ नहीं किया, कृपया कर मुझे छोड़ दो।
दूसरा शेर उसे बोलता है कि तुम इस तरह इन भेड़ो के पीछे क्यों दौड़ रहे हो? इस पर पहला शेर बोलता है कि यह मेरे दोस्त है और मैं भी एक भेड़ ही हूं।
Sher ki Kahani – अपने अंदर के शेर को जगाए – हिंदी कहानी
इस पर दूसरा शेर बहुत हंसता है और उसे नदी किनारे ले जाता है, और दिखाता है कि तुम भी मेरी तरह शेर हो तुम बकरी या भेड़ नहीं हो।
दूसरे शेर ने जब उसकी आंखें खोली तो उसे यह समझ में आया कि वह जन्म से ही शेर है। उसने एक जोरदार दहाड़ लगाई और सारा जंगल उसकी दहाड़ से कांप गया।
कहानी से शिक्षा –
दोस्तों शेर की तरह हर कोई बिना सोचे समझे हर किसी के पीछे चलने लग गया है। वह यह नहीं जानता कि उसकी काबिलियत और शक्ति क्या है। ध्यान रहे की आप किसके साथ उठते बैठते हैं आप की संगत क्या है इस पर बहुत ही डिपेंड करता है कि आप क्या सोचते हैं।
Sher ki Kahani – अपने अंदर के शेर को जगाए – हिंदी कहानी
और जैसा आप सोचेंगे वैसा ही काम करेंगे। इसलिए हमेशा उन लोगों के साथ रहो जो आप को मोटिवेट करें।नेगेटिव बात करने वालों से हमेशा दूर रहो, क्योंकि वह तो खुद कुछ करते नहीं है कुछ और आपके हौसलों को भी नीचे गिराने का काम करते हैं।
अगर आप उस इंसान की तलाश कर रहें हैं जो आपकी जिन्दगी बदलेगा, तो आइने में देख लें।