हर समय सोचते रहने वाले इंसान यह जरुर पढ़ें – Divergent Thinking

Divergent Thinking – बड़े बुजुर्ग कह कर गए हैं कि –  “कोई भी काम बिना सोचे समझे नहीं करना चाहिए।” पर इस पर एक सवाल यह है कि कितना सौचे? हमारे सोचने की क्षमता असीमित है।

Divergent Thinking

आपने अक्सर यह बात नोटिस की होगी कि हमारी ज्यादातर प्लानिंग इसलिए फेल होती है क्योंकि हम एक चीज के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं पर उसे कर नहीं पाते। धीरे-धीरे हम उस बात को लेकर इतना ज्यादा सोचते हैं कि उस Idea पर बिना काम किए ही बोर हो जाते हैं और उसे छोड़ देते हैं।

Science कहती है कि हमारे दिमाग में  एक दिन में 40 से 50 हजार तक विचार आते है। जिसमें से लगभग 70% नेगेटिव होते हैं और बाकी बचे thoughts में कई सारे ऐसे creative ideas होते हैं जो हमारे आने वाले समय के लिए हम सोचते हैं। और इन idea में भी केवल 2 % ऐसे होते हैं जिनके बारे में हम ज्यादा फोकस करते हैं ।

अब सवाल यह है कि हमारी design thinking process क्या है? इसे एक example से समझते है – मान लो अपने किसी को, वेबसाइट से बहुत सारे पैसे कमाते देखा है अब आप सोचते हैं कि यह काम तो बहुत ही आसान है मैं भी ऐसी वेबसाइट या ब्लॉग से पैसे कमा सकता हूं।

पलभर में मेरी Blog हिट हो जाएगी और मेरे पास बहुत सारे पैसे हो जाएंगे। मेरे माता-पिता मुझ पर बहुत सारा गर्व करेंगे। सारे लोग मेरी तारीफ कर रहे होंगे। इसी तरह आपने अभी तक कोई Blog or Website बनाया नहीं और उसके बारे में बहुत सारा सोच लियाऔर उसके सपने देख लिए हैं।

हम काम  कैसे करते है ? Convergent Thinking

पर हकीकत सपनों से बिल्कुल अलग होती है। जो काम हमें आसान लगता है वही सबसे ज्यादा परेशान करने वाला होता है। आप जरूरत से ज्यादा इस तरह के सपने देख लेते हैं फिर एक दिन आप Blog बनाने बैठते हैं। तब आपको पता चलता है कि जिस टॉपिक पर आपने अपनी पोस्ट लिखे हैं उस पर ज्यादा व्यू नहीं मिल रहे हैं।

क्योंकि उसी टॉपिक पर आपसे अच्छा किसी ब्लॉग में पहले से मौजूद है। फिर आप दूसरों के Blog को देख देखकर अपने ब्लॉग बनाते हैं। फिर वह भी नहीं चलते और आपको लगता है कि यह idea काम नहीं करेगा। आप उस दूसरे ब्लॉक की तुलना में अपने आप को छोटा देखने लगते हो। और आप उस काम करो वही छोड़ देते हो।


यहीं आप गलती करते हैं। आपने जो सोचा है था वह ठीक था, आप ने जो किया वह भी ठीक था। आपको सोचना बंद करके काम करना चाहिए था और उसमे महारत कैसे हासिल की जाए यह सोचना था। जब आप अपने काम में महारत हासिल कर लेते हैं तो आपके साथ बिल्कुल वैसा होता है जैसा आप अपने सपने में सोचते हैं।

 मेहनत करे आगे बढे – Divergent Thinking

आपको यह पता होना चाहिए कि जो लोग ब्लॉगिंग, YouTube में या किसी भी फील्ड में सबसे ऊपर है वह भी इसी कंडीशन से गुजरे होंगे। उन्हें भी यह सब समस्याएं अपने जीवन पर आई होगी और उन्होंने इसका किसी तरह से सामना किया है। वह डटे रहे और अपने लक्ष्य के प्रति जागरुक रहे। और उन्होंने एक दिन यह मुकाम हासिल कर लिया कि वह आज सबसे ज्यादा फेमस है।

Conclusion – Divergent Thinking

याद रखे दोस्तों मन सदा भटकता रहता है, आप इसकी हरकतों पर ध्यान लगाए तब इसके भागने पर लगाम लग जाएगी, और आप जिस विषय पर विचार करेंगे उस पर मन टीका रहेगा ।

मन से युद्ध ना करें, कुश्ती ना लड़े। जहां जा रहा है वहां जाने दे, अपने आप को उससे अलग होकर देखने का प्रयास करें।

मन के बारे में भगवान गौतम बुद्ध ने यह बात कही है जो हर किसी की आंखें खोल देती है – अगर कोई योद्धा  युद्ध में हजारों लोगों को हजार बार जीतता है उससे कहीं ज्यादा बलवान वह व्यक्ति है जिसने अपने मन को जीता है, क्योंकि मन को जितना सामान्य इंसान के बस की बात नहीं है ।

स्वामी विवेकानंद ने मन को बंदर के समान बताया है – जिस तरह बंदर एक जगह टिककर नहीं रहता इसी तरह हमारा मन भी इधर-उधर भटकता रहता है।

इसलिए किसी चीज के बारे में कितना सोचना है उसको समझना चाहिए और तुरंत एक्शन लेना चाहिए केवल सपनों के महल मत बनाए उसे हकीकत में भी बदले।

Divergent Thinking – लोग क्या कहेंगे ये सोचना बंद करे।

Alone Status

Khush rahana hai to ek kam kare
log kya sochengeor kya kahenge ye sochna band kre.
खुश रहना है तो एक काम करे
लोग क्या सोचेंगेऔर क्या कहेंगे ये सोचना बंद करे। Read More
Viren Raikwal
Viren Raikwal

असली बहादुरी तो तब है, जब आप वह करे जो सही है, भले ही वह ज्यादा लोकप्रिय ना हो....

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