Moral Stories in Hindi – आज विश्व में हो रहे कोहराम से इंसान प्रजाति के उस घमंड को तोड़ दिया की वह इस दुनिया का भगवान् है। अमर होने की इच्छा रखने वाला मानव आज प्रकृति से कुछ दिन के जीवन पाने को तरस रहा है। इससे यह सवाल वापस खड़ा हुआ है की क्या इंसान अमर हो सकता है?
अमर होने के बारे मे कितने किस्से हमने सुने हैं। इन किस्सों को सुनने के बाद शायद अमर होने की इच्छा सही में रखनी चाहिए या नहीं इसका तो जवाब मिल ही जाएगा –
Alexander – Short Moral Stories in Hindi
कहते हैं अलेक्जेंडर को कही से सुचना मिली थी की भारत में किसी गुफा में अमर होने की औषधि है, उसकी खोज में वह भारत आया।
भारत के जिस भाग पर कुछ समय के लिए उसने अपना अधिकार जमा लिया था उस भाग के पहाड़ों में गुफाएँ थी। काफी खोज और पूछताछ के बाद उसे उस गुफा के पता मिल ही गया जहाँ अमरत्व का फॉर्मूला मिलता था।
अब क्या है वो पहुँच गया अकेला ही। स्वभावीक भी था ऐसी जगह तो अकेले ही जाना चाहिए नही तो और साथी भी अमर हो जाएंगे और अमरता को कोई महत्व नही रहेगा। वहा एक बोतल में कुछ भरा हुआ था।
अलेक्जेंडर ने वह बोतल उठाई तब एक कोने से आवाज आई… रुक.. पहले सोच ले मैने न जाने कितनी सदियों पूर्व ये दवा खाई थी और अब यहां पड़ा हूँ।
उसने देखा तो एक नरकंकाल जैसे दिखने वाला जीव बोल रहा था। उसे पूछा तो कहने लगा अभी तो तुझे अमरत्व की पड़ी है मगर एकबार तूने इसे खा लिया तो हजारों साल तो मौत की अभिलाषा करता रहेगा मगर वो कभी नही मिल पाएगी। और अलेक्जेंडर चला गया बिना अमर हुए..
अश्वत्थामा – Short Moral Stories in Hindi
यह कहानी है पुराणो में अमरत्व मीले अश्वत्थामा की। आज भी कहते हैं कि वो गली गली में मक्खन मांगता फिरता है क्योंकि भगवान ने उसके सिर की मणि निकाल ली थी जिस कारण हुई जख्म आज भी ताजा है। ये भी अमरता का ही एक पहलू है।
तेलंग शास्त्री – Short Moral Stories in Hindi
ऐसे योगियों की कहानियां तो 1857 के जमाने मे भी सुनी जाती थी। एक थे तेलंग शास्त्री उम्र 300 वर्ष , जो काशी में रहते थे। उन्हें अंग्रेज सरकार रोज हवालात में बंद कर देति थी।
वो सुबह उठकर गंगास्नान के लिए सब बन्धनों से मुक्त होकर चले जाते थे। आखिर उन्हें किसी भी तकलीफ दिए बिना छोड़ देना ही योग्य माना गया।
और भी कहानी है उनकी जिन्हें पुराणो ने अमर या चिरंजीव कहा है। जैसे .. बलि, हनुमान, व्यास, बिभीषण, परशुरामजी, जाम्बवान, इन नामो से क्या लगता है ये सब अमर तो हो गए मगर ये सब महान भगवद भक्त थे इस कारण इनके लिए अमरत्व वरदान रहा मगर अश्वत्थामा के लिए वो तो एक अभिशाप ही हुआ।
अमर होने से ज्यादा उस ज्ञान की खोज करनी चाहिए जो आयु जितनी भी हो आनंदमय बनाएगी। विज्ञान से सिर्फ अमर होना मिल सकता है पर ज्ञान विज्ञानं से आगे बढ़ने पर ही मिलेगा।
क्या इंसान अमर हो सकता है ?
विज्ञान इस दिशा में काम कर रहा है कि मनुष्य अमर हो जाय। इस संबंध में वैज्ञानिक नित नए प्रयोग कर रहे हैं और अमर होने का रहस्य सुलझाने में लगे हुए हैं। अभी तक के प्रयोगों के आधार पर वैज्ञानिकों ने मनुष्य की आयु बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है।
यदि वैज्ञानिक जैली फिश के जीवन का रहस्य पता करने में सफल हो गए तो संभव है कि वह मनुष्यों को भी अमर करने में सफल हो जाएं। जैली फिश एक ऐसा जीव है जो कभी भी मरता नहीं है।
मनुष्य का अमर होना प्राकृतिक रूप से गलत है, इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा, संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ेगा।
अधिक उम्र होने से मनुष्य के पास करने के लिए काम की समस्या होगी। वह अपना समय व्यतीत कैसे करेंगे? यह बात विज्ञान के सफल होने की नहीं अपितु मानव जाति के लिए परेशानियां उत्पन्न करने वाली हैं।
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Conclusion
ये उत्साहित कर देने वाला सवाल है। हालांकि ये सांसारिक सत्य है कि “हर जीव की मृत्यु होती है”। लेकिन ये मानना की हम अमर हो जायेंगे भविष्य में, पूरी तरह गलत नहीं है।
जिस तरह से विज्ञान प्रगति कर रही है। मुझे बिल्कुल ऐसा लगता है, लेकिन पर्यावरण को क्षति हमारे अस्तित्व पर ही संकट ले आई है, ये भी एक सच है।
लेकिन 100 साल पहले किसने सोचा था कि मनुष्य चांद पर चला जायेगा, किसने सोचा कि कोई ऐसी चीज बन जायेगी जिससे पूरी दुनिया हथेली पर आ जायेगी, लेकिन ये चमत्कार हम सब ने देखे हैं और अमर होने का चमत्कार हो जाना कोई पूरी तरह असंभव नहीं माना जा सकता।
लेकिन ये बहुत दूर के भविष्य की बात है, अभी तो हमारे अस्तित्व पर जो संकट आया है, हमें उस से लड़ना है।