Majedar Story – एक राजा बहुत ही बुद्धिमान था। उसने अपने मंत्रियों से कहा कि क्या कोई मुझसे चोरी कर सकता है? सभी मंत्रियों ने कहा नही राजा आपसे कोई चोरी नही कर सकता है।
तभी एक मंत्री ने कहा राजा जी कुछ सुनार होते है । जो व्यक्तियों के सामने से ही सोना चुराते है। तो राजा ने कहा यह नामुमकिन है मेरे सामने कोई भी सुनार सोना नही चुरा सकता।
उसने राज्य के सभी सुनारों को अपने दरबार मे बुलाने का आदेश दिया। आदेश के अनुसार सभी सुनार राज्य में आये।
सभी आपस मे चिंतित थे कि राजा किस वजह से एक साथ हमे बुलाये है। तभी राजा दरबार मे आये और उन्होंने कहा कि क्या आप मेरी देख रेख में भी सोने की चोरी कर सकते है।
कुछ सोनार ने कहा जी हां हम एक चौथाई सोना निकल सकते है। कुछ ने कहा कि हम आधा सोना चुरा सकते है।
चतुर सोनार – Majedar Story
तभी राम नाम के एक सुनार ने कहा कि मैं पूरा सोना आपके सामने रहते हुए भी चुरा सकता है।
सभी लोग आश्चर्यचकित हुए की राम तुम यह नही कर सकते पर उसने फिर से कहा नही मैं यह कर सकता हु।
राजा ने आदेश दिया कि अगर ऐसा तुम कर पाओगे तो तुम्हारा विवाह मैं अपनी बेटी से करवाऊँगा और अपने राज्य का आधा हिस्सा तुम्हे दे दूँगा।
यह पूरा काम मेरी और पहरेदारो को निगरानी में होगा। साथ ही तुम्हे अलग से वस्त्र दिए जाएंगे जिन्हें तुम यहां काम करते वक्त उन्हें ही पहनोगे और जाते वक्त अपने वस्त्र ही पहन कर जाओगे।
राम में कहा ठीक है जैसी आप की आज्ञा। राम ने दूसरे दिन से अपना काम आरंभ किया ।
राजा की देख रेख में एक शिव जी की सोने की मूर्ति उसे बनाने के लिए दी गयी।
चतुर सोनार – Majedar Story
वह दिन भर राजा के यहां शिव जी की सोने की मूर्ति बनाता और रात में शिव जी की पीतल की मूर्ति अपने घर पे बनाता, यह क्रम चलता रहा।
लगभग एक हफ्ते बाद मूर्ति बनकर तैयार हुई और राम ने राजा से कहा अब मुझे एक चमकाने के लिए ताजा दही चाहिए शाम का वक्त था इस टाइम ताजा दही मिलना मुश्किल था ।
पहरेदारों को आदेश दिया गया कि ताजा दही ढूंढ कर लाया जाए। पहरेदार बहुत परेशान हुए पर उन्हें ताजा दही नही मिला।
तभी एक अचानक से एक युवती ताजा दही मटके में बेच रही थी। राम ने सोने की मूर्ति उस मटके में डाली और निकाल कर उसे चमका दिया।
फिर राजा ने अपने स्वर्ण विशेषज्ञ को बुलाया और मूर्ति की जांच करने को कहा और पूछा कि इस मूर्ति में कितना सोना है।
स्वर्ण विशेषज्ञ आश्चर्यजनक हुए की राजा इसमें तो एक भी सोना नही है। यह जानकर राजा भी बहुत हैरान हुआ कि पूरा काम मेरी देख रेख में हुवा है फिर भी ऐसा कैसे हो सकता है।
चतुर सोनार – Majedar Story
उसे पहरेदार दरबार लेकर आये और राजा ने उस पूरे मटके को खरीद कर राम को दे दिया और युवती को पैसे देकर जाने को कहा।
राजा ने राम से पूछा कि तुमने ऐसा कैसे किया। उसने राजा से कहा कि आप सच जानकर मुझे सजा तो नही देंगे । राजा ने वादा किया कि नही ऐसा नही होगा।
राम ने बताया कि दही बेचने वाली मेरी बहन थी मैन उस से पीतल की मूर्ति निकाली और सोने की मूर्ति डाल दी थी।
राजा उसकी चतुराई से प्रसन्न हुए । उन्होंने वादा किये आनुसार अपनी बेटी का ब्याह उस से कर दिया और आधे राज्य को उसे सौप दिया।
Conclusion
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि इन्सान अपनी चालाकी से कोई भी कार्य कर सकता है।